7 Wonders of the world - with image and some information
विश्व के सात अजूबे - तस्वीर और कुछ जानकारी सहित
अजूबे क्या होते है?
दोस्तों अजूबे विश्व के उन 7 यूनिक वस्तुओं का संग्रह होता है जो पूरेे विश्व में सबसे अलग होते है
अजूबे केवल 7 ही क्यों होते हैं?
दोस्तों हो सकता है कि अब आपके दिमाग में यह प्रश्न उठ रहा हो के अजूबे केवल 7 ही क्यों होते हैं? क्या पूरी दुनिया में केवल 7 ही ऐसी चीजें हैं जो सबसे अलग हैं?
तो दोस्तों इसका जवाब है नहीं इस दुनिया में और भी ऐसे बहुत से वस्तुएं हैं, जो विश्व में अपनी सबसे अलग जगह बनाए रखते हैं, और सबसे खास होते हैं। दोस्तों उनमें से एक है गीजा का पिरामिड।
दोस्तो हो सकता है कि 7 संख्या इसलिए लिया गया हो क्योंकि प्राचीन विश्व में भी कुल सात अजूबे थे,जिनको उस समय के लोगों द्वारा चुना गया था। लेकिन धीरे-धीरे कुछ कारणों की वजह से वह अजूबे नष्ट हो गए हैं। लेकिन उनमें से एक गीजा का पिरामिड अभी भी है, जिसे अब विश्व के सात अजूबों में संग्रह ना करकेे विश्व मेंं उसे एक विशेष स्थान दिया गया है।
सात अजूबो की सूची फ़ोटो सहित साथ मे कुछ जानकारी
रोम का प्राचीन स्टेडियम-कोलोसियम।
Ancient stadium of Rom-Colosium
शक्तिशाली रोमन साम्राज्य के वैभव का प्रतीक यह स्टेडियम कोलोसियम आकार में अंडाकार है। विश्व के सात अजूबों में शामिल यह स्टेडियम इटली देश के रोम नगर में स्थित हैं। 70 वी ईसवी में तत्कालीन शासक वेेेस्प्पियन ने इसका निर्माण कार्य शुरू करवाया। जिसे 80 वी ईस्वी में सम्राट राइडर्स ने पूरा किया। इस स्टेडियम में एक साथ 50000 दर्शक बैठ सकते थे जो कि उस समय एक असामान्य बात थी। जिस प्रकार आज के समय में मनोरंजन के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित होते हैं उसी प्रकार उस समय इस स्टेडियम में केवल मनोरंजन के लिए यहां पर जानवरों और इंसानों में लड़ाई होती थी और इन लड़ाईओ मे केवल मनोरंजन के कारण ही इस स्टेडियम में लगभग 500000 जानवर एवं 1000000 इंसान मारे गए थे।
जिस प्रकार हमारे यहां भारत में प्रतिवर्ष विभिन्न त्योहारों के अवसर पर विभिन्न प्रकार के नाटकों का आयोजन होता है उसी प्रकार कोलोसियम स्टेडियम में भी प्रत्येक वर्ष में दो दो बार वहां के पौराणिक कथाओं के अनुसार नाटक आयोजित होते थे। जिसे रोमन वासी पसंद करते थे। वर्तमान में प्राकृतिक आपदाओं और विभिन्न कारणों के कारण यहां केवल खंडहर बन चुका है। लेकिन फिर भी इसे देखने के लिए विश्व भर से पर्यटक आते हैं।यूनेस्को के द्वारा इसे विश्व की विरासत के श्रेणी में सम्मिलित किया गया है और आज भी यहां हर एक गुड फ्राइडे के दिन पोप यहां से मशाल जुलूस निकालते हैं।
विश्व के सात अजूबे - तस्वीर और कुछ जानकारी सहित
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7 Wonders of the world |
अजूबे क्या होते है?
दोस्तों अजूबे विश्व के उन 7 यूनिक वस्तुओं का संग्रह होता है जो पूरेे विश्व में सबसे अलग होते है
अजूबे केवल 7 ही क्यों होते हैं?
दोस्तों हो सकता है कि अब आपके दिमाग में यह प्रश्न उठ रहा हो के अजूबे केवल 7 ही क्यों होते हैं? क्या पूरी दुनिया में केवल 7 ही ऐसी चीजें हैं जो सबसे अलग हैं?
तो दोस्तों इसका जवाब है नहीं इस दुनिया में और भी ऐसे बहुत से वस्तुएं हैं, जो विश्व में अपनी सबसे अलग जगह बनाए रखते हैं, और सबसे खास होते हैं। दोस्तों उनमें से एक है गीजा का पिरामिड।
दोस्तो हो सकता है कि 7 संख्या इसलिए लिया गया हो क्योंकि प्राचीन विश्व में भी कुल सात अजूबे थे,जिनको उस समय के लोगों द्वारा चुना गया था। लेकिन धीरे-धीरे कुछ कारणों की वजह से वह अजूबे नष्ट हो गए हैं। लेकिन उनमें से एक गीजा का पिरामिड अभी भी है, जिसे अब विश्व के सात अजूबों में संग्रह ना करकेे विश्व मेंं उसे एक विशेष स्थान दिया गया है।
सात अजूबो की सूची फ़ोटो सहित साथ मे कुछ जानकारी
- रोम का प्राचीन स्टेडियम
- चिचेन इट्ज़ा
- चीन की महान दीवार
- पेट्रा
- माचु पिच्चू
- क्रिएस्ट द रेडिमीर
- ताजमहल
रोम का प्राचीन स्टेडियम-कोलोसियम।
Ancient stadium of Rom-Colosium
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रोम का प्राचीन स्टेडियम |
शक्तिशाली रोमन साम्राज्य के वैभव का प्रतीक यह स्टेडियम कोलोसियम आकार में अंडाकार है। विश्व के सात अजूबों में शामिल यह स्टेडियम इटली देश के रोम नगर में स्थित हैं। 70 वी ईसवी में तत्कालीन शासक वेेेस्प्पियन ने इसका निर्माण कार्य शुरू करवाया। जिसे 80 वी ईस्वी में सम्राट राइडर्स ने पूरा किया। इस स्टेडियम में एक साथ 50000 दर्शक बैठ सकते थे जो कि उस समय एक असामान्य बात थी। जिस प्रकार आज के समय में मनोरंजन के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित होते हैं उसी प्रकार उस समय इस स्टेडियम में केवल मनोरंजन के लिए यहां पर जानवरों और इंसानों में लड़ाई होती थी और इन लड़ाईओ मे केवल मनोरंजन के कारण ही इस स्टेडियम में लगभग 500000 जानवर एवं 1000000 इंसान मारे गए थे।
जिस प्रकार हमारे यहां भारत में प्रतिवर्ष विभिन्न त्योहारों के अवसर पर विभिन्न प्रकार के नाटकों का आयोजन होता है उसी प्रकार कोलोसियम स्टेडियम में भी प्रत्येक वर्ष में दो दो बार वहां के पौराणिक कथाओं के अनुसार नाटक आयोजित होते थे। जिसे रोमन वासी पसंद करते थे। वर्तमान में प्राकृतिक आपदाओं और विभिन्न कारणों के कारण यहां केवल खंडहर बन चुका है। लेकिन फिर भी इसे देखने के लिए विश्व भर से पर्यटक आते हैं।यूनेस्को के द्वारा इसे विश्व की विरासत के श्रेणी में सम्मिलित किया गया है और आज भी यहां हर एक गुड फ्राइडे के दिन पोप यहां से मशाल जुलूस निकालते हैं।
चिचेन इट्ज़ा।
Chicken itza
अमेरिका के मैक्सिको में स्थित यहां शहर माया सभ्यता द्वारा बनाया गया है। यहां की कुकुल्कन मंदिर यहां का महत्वपूर्ण आकर्षण है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां मंदिर वर्ष के 365 दिनों को प्रदर्शित करती है।इस मंदिर की आकृति पिरामिड नुमा है जिसके चारों ओर 91-91 सीढ़ियां हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि 4×91=364 होता है जबकि वर्ष में कुल 365 दिन होते हैं तो दोस्तों आपको यह बता दें कि इस मंदिर के ऊपर बना चबूतरा वर्ष के 365 में दिन को प्रदर्शित करता है। इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 79 फीट है अर्थात इसकी गणना अगर मीटर में करें तो कुल 24.0792 मीटर इससे मंदिर की ऊँचाई होती है।
चीन की महान दीवार।
जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि यहां दीवार चांद से भी देखने पर बिल्कुल साफ साफ दिखाई देती है। केवल मिट्टी और पत्थर से बनी यह दीवार चीन की बहुत से शासकों द्वारा उत्तर के हमलावर उसे बचने के लिए बनवाई गई थी। इस दीवार का निर्माण पांचवी शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 16 वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक होता रहा। इससे चीन के शासकों ने तीर व तलवारों की हमलों से बचने के लिए बनवाया था। लगभग 20 से 3000000 मजदूरों ने इस महान दीवार को बनाने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। आज यह दीवार चीन की शान है यूनेस्को द्वारा 1987 में इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया। समय-समय पर विभिन्न से शासकों ने इस दीवार की मरम्मत के साथ-साथ इसे और फैलाया और वर्तमान में यह दीवार लगभग 8850 किलोमीटर तक फैली है।
पेट्रा।
Petra
विश्व के सात अजूबों में शामिल यह नगर अपने पत्थरों से तराशी गई इमारतों व पानी वाहन प्रणाली के लिए इतिहास में बहुत ख्याति प्राप्त किए हुए हैं। यह जॉर्डन में स्थित हैं। इसका निर्माण लगभग 1200 ईसा पूर्व के आसपास आरंभ हुआ वर्तमान में यह मशहूर पर्यटक स्थल है। यहां की विभिन्न प्रकार की इमारतें लाल बलुआ पत्थर से बनी हुई है। इन पत्थरों पर हुई बेहतरीन नक्काशी को देखकर कोई भी हैरान हो सकता है।
माचू पिच्चू।
Machu Picchu
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माचू पिच्चू |
माचू पिचू जिस का हिंदी में अर्थ है पुरानी चोटी होता है। दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में स्थित माचू पिचू की खास बात है इसकी बसावट। प्राचीन काल में भी समुद्र तल से लगभग ढाई हजार मीटर ऊंचाई पर कोई नगर स्थित होना अपने आप में एक आश्चर्यजनक बात है। ऐसा माना जाता है कि यहां एक गांव का खोया हुआ शहर है।1983 में इसे UNESCO ने इसे विश्व धरोहर घोषित किया।
क्राइस्ट द रिडीमर।
ब्राजील के रियो डी जनेरियो में स्थित ईसा मसीह की यह मूर्ति लगभग 130 फीट लंबी और 90 फीट चौड़ी है। इसका निर्माण कार्य 1922 में शुरू हुआ था। उस समय आधुनिक संसाधनों के अभाव के कारण यहां 9 वर्षों में बनकर तैयार हुआ। 10 फरवरी 2008 को इस प्रतिमा पर बिजली गिरने से इसकी अंगुलियों और भौहों को कुछ नुकसान हुआ। जिसे बाद में रिनोवेट करने का प्रयास किया गया।
ताजमहल।
Taj mahal.
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ताजमहल |
विश्व के सात अजूबों में शामिल और प्रेम का प्रतीक माने जाने वाले विश्व की यह अद्भुत इमारत भारत देश के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले में स्थित है। इस अनोखे मकबरे को 1632 ई0 मे मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा अपनी प्यारी पत्नी मुमताज महल के मकबरे के लिए आरंभ किया गया। लगभग 10 साल मे मकबरे का निर्माण पूरा किया गया। इसे भारत के स्वर्णिम इतिहास का प्रतीक भी माना जाता है। इस अद्भुत इमारत की बहुत ही खास बात यह है कि यह किसी भी दिशा से देखने पर एक समान ही प्रतीत होता है। प्राचीन काल में भी ऐसे कारीगर मौजूद थे। जो इस तरह की संरचना बना सकते हैं यह अपने आप में ही एक अचंभित करने वाली बात है।
घर बैठे हैं सात अजूबों को कैसे देखें?
दोस्तो मैंने यह तो बता दिया कि यह सात अजूबे कैसे दिखते हैं और साथ में इस पोस्ट में उनकी तस्वीरें भी आपके साथ साझा की हैं लेकिन दोस्तों हमें अक्सर यह इच्छा होती है कि काश हम भी इन सात अजूबों को देख पाते हैं। लेकिन दोस्तों आर्थिक स्थिति ठीक ना होने कारण आम आदमी इन सात अजूबों के दर्शन नहीं कर पाता लेकिन दोस्तों आप इनमें से कुछ अजूबों को लाइव अपने मोबाइल में देख सकते हैं। और आपको एकदम ऐसा प्रतीत होगा कि आप वहीं पर हैं ऐसा आप गूगल मैप के जरिए कर सकते हैं। गूगल मैप में इस पोस्ट में बताया सात अजूबों में से विभिन्न अजूबों के नाम सर्च कीजिए वहां पर आपको 360 डिग्री वाला एक ऑप्शन आता है। उस पर क्लिक करके आप जब देखेंगे तो आपको ऐसा फील होगा कि आप सचमुच वहीं पर हैं। दोस्तों अगर मेरी सलाह मानें तो इन सात अजूबों में से आप ताजमहल और रूम का प्राचीन स्टेडियम गूगल मैप सर्च करके उसका 360 डिग्री व्यू एक बार जरूर देखें।
दोस्तों मैंने इस पोस्ट में आपको सात अजूबों के बारे में जानकारी दी हैं। जो कि मेरे इंटरनेट रिसर्चो के आधार पर हैं। आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताइएगा।